Thursday 30 March 2023

राम में रम गया मन तो क्या कीजिये|

राम में रम गया मन तो क्या कीजिये, राम ही राम अब तो जपा कीजिये |
राम आएंगे जायेगे कैसे सुनो, राम के साथ ही अब रहा कीजिये |

राम निर्गुण निरंतर निराकार हैं, राम सृष्टि के वैभव में साकार हैं |
राम सागर असीमित व्यापक सदा, मन के मोती को उनमे छुपा लीजिये |

ताल धड़कन की धड़ धड़ ध्वनि बन गयी, संग सांसों के सुर से बनी रागिनी |
राग ऐसा बने, सबका मन मोह ले , राम धुन के स्वरों से सजा दीजिये |

जीव माया भ्रमित, चलते रहते पथिक, उलझने कब कहाँ और कितनी अधिक|
लक्ष्मण हम बने, लक्ष्य मन में रखे, राम की राह खुद को चला दीजिये |

राम में रम गया मन तो क्या कीजिये, राम ही राम अब तो जपा कीजिये |
राम आएंगे जायेगे कैसे सुनो, राम के साथ ही अब रहा कीजिये |

                                                                  - Amit Roop

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