चर-अचर की चेतना और सृष्टि का सारांश हैं,
वो राम सबके मन में बसते चिर-निरन्तर ही श्वांस हैं|
नारायण से मांग ले जो मां की ममता, ऐसी कौशल्या,
वचन पालन में वार दे जो प्राण अपने, वो राजा दशरथ,
ऐसे श्रेष्ठ माता-पिता का मान हैं, सम्मान हैं,
वो राम सबके मन में बसते चिर-निरन्तर ही श्वांस हैं|
चर-अचर की चेतना और सृष्टि का सारांश हैं,
वो राम सबके मन में बसते चिर-निरन्तर ही श्वांस हैं|
देवी अहिल्या का मौन राम जप, माँ शैलजा का सिया को दिया वर,
भरत की सोच निर्मल और लखन का सर्व समर्पण,
माँ सबरी के सब्र का सार्थक परिणाम हैं,
वो राम सबके मन में बसते चिर-निरन्तर ही श्वांस हैं|
चर-अचर की चेतना और सृष्टि का सारांश हैं,
वो राम सबके मन में बसते चिर-निरन्तर ही श्वांस हैं|
हनुमान का बल असीमित और अंगद का पाँव स्थिर,
काल के सम्मुख निडर जटायु की ललकार नैतिक,
दुस्ट दानवों के अहम् का करते सदा संहार हैं,
वो राम सबके मन में बसते चिर-निरन्तर ही श्वांस हैं|
चर-अचर की चेतना और सृष्टि का सारांश हैं,
वो राम सबके मन में बसते चिर-निरन्तर ही श्वांस हैं|
- Amit Roop
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