Saturday 18 August 2018

रघुबीर तुम जगदीश माया जानकी


रघुबीर तुम जगदीश माया जानकी|
ब्रह्मांड के तुम बीज, ऋतु अनुकूल माता जानकी|

तुम मेघ वर्ण श्यामल, तुम कमल नयन भगवन्|
हैं कोटि सूर्य नभ मे तेरे तेज से ही रोशन|
तुम सृष्टि सिर आसीन, सत्ता जानकी|
रघुबीर तुम जगदीश माया जानकी|

तुम काल से भी क्रोधित, नव पुष्प से भी पुलकित|
तुम श्रेष्ठतम जगत मे, नर देव सब से अर्चित|
सागर असीमित तुम जल शक्ति, चंदा जानकी|
रघुबीर तुम जगदीश माया जानकी|

गोविंद बन के तुमने सबको यही सिखाया|
है प्रीति ही सर्वोपरि, सब मे तू ही समाया|
तुम प्रीति के आधीन, राधा जानकी|
रघुबीर तुम जगदीश माया जानकी|


- Amit Roop

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