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तू चल मैं आता हूँ, चुपड़ी रोटी खाता हूँ| ठंडा पानी पीता हूँ, हरी डाल पर बैठा हूँ| Above two rhythmic lines take us to the ...
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रघुबीर तुम जगदीश माया जानकी | ब्रह्मांड के तुम बीज , ऋतु अनुकूल माता जानकी | तुम मेघ वर्ण श्यामल , तुम कमल नयन ...
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श्मशान हो और शुन्य हो, दशा दिशा की मौन हो धरा की धुरी तुम्ही, हुंकार ध्वनि ही ओम हो आनंद से महक उठे, अग्नि सा दहक उठे ...
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